प्रेम की अनकही दास्तान

 गाँव का नाम "शांतिपुर" था, जहाँ की हरियाली और खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य मन को मोह लेते थे। यहाँ की गली-गली में एक अलग ही रौनक थी। लेकिन इस गाँव की सबसे खूबसूरत बात थी, वहाँ रहने वाले लोग। विशेषकर, वहाँ की दो आत्माएँ: अंजलि और आर्यन।


अंजलि एक साधारण लड़की थी, जो हमेशा हंसमुख रहती थी। उसकी आँखों में एक अद्भुत चमक थी, जैसे हर दिन के नए सूरज के साथ नई उम्मीदें जगती थीं। दूसरी ओर, आर्यन गाँव का एक होशियार और प्रतिभाशाली लड़का था। वह हमेशा अपने सपनों की तलाश में रहता था और उसकी आँखों में एक गहरा समुद्र छिपा था।

एक दिन, गाँव में एक मेले का आयोजन हुआ। पूरा गाँव उत्साह में था। अंजलि अपने दोस्तों के साथ मेले में गई। वहाँ हर तरह के खेल, झूले और मिठाइयाँ थी। लेकिन उसे सबसे ज्यादा खींचता था एक चित्रकार का स्टॉल। आर्यन भी वहाँ था, उसे अपने चित्र बनाना बहुत पसंद था। वह हमेशा अपने इर्द-गिर्द रंगों का जादू बिखेरता था।

जब अंजलि ने आर्यन को अपने रंगों के साथ खेलते देखा, तो उसकी आँखें चमक उठीं। वह धीरे-धीरे उसके पास गई। "क्या मैं तुम्हारा चित्र बना सकती हूँ?" अंजलि ने कहा। आर्यन ने मुस्कराते हुए कहा, "बिल्कुल, लेकिन पहले तुम अपना चित्र बनाओ।"

अंजलि ने उसके शब्दों में एक अनकही कशिश पाई। उसने एक रंगीन पेंसिल उठाई और आर्यन का चित्र बनाना शुरू किया। जैसे-जैसे वह चित्र बनाती गई, आर्यन ने उसकी आँखों में छिपी उत्सुकता को महसूस किया। वह उसके साथ बातचीत करने लगा। दोनों की बातें बढ़ती गईं, और उनके बीच की दूरी कम होती गई।

मेला खत्म होने के बाद, अंजलि ने आर्यन से कहा, "मैं तुम्हारी कला की बहुत तारीफ करती हूँ। तुम्हारे रंगों में जादू है।" आर्यन ने मुस्कराते हुए कहा, "धन्यवाद! लेकिन तुम्हारे चित्र में भी एक खास बात है। तुम्हारे रंगों में जिंदगी है।"

वे दोनों एक-दूसरे की आँखों में खो गए। उस पल में जैसे सब कुछ थम गया था। फिर धीरे-धीरे उन्होंने अपनी ज़िंदगी में एक-दूसरे को जगह दी। समय बीतता गया, और उनकी दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदलने लगी।

एक दिन, आर्यन ने अंजलि को बुलाया और कहा, "मैं तुम्हें एक खास जगह ले जाना चाहता हूँ।" अंजलि ने उत्सुकता से पूछा, "कहाँ?" आर्यन ने मुस्कराते हुए कहा, "बस मेरे साथ चलो।"

आर्यन ने उसे गाँव के बाहर एक खूबसूरत झील के किनारे ले गया। वहाँ का दृश्य अद्भुत था। पानी की लहरों में सूरज की किरणें बिखर रही थीं। आर्यन ने कहा, "यहाँ की शांति और सुंदरता मुझे तुमसे जोड़ती है।" अंजलि ने उसकी आँखों में झाँका और उसे महसूस हुआ कि ये पल उनके लिए बहुत खास है।

आर्यन ने कहा, "अंजलि, तुम मेरी जिंदगी में एक नई रोशनी लेकर आई हो। क्या तुम मेरे साथ हमेशा रहोगी?" अंजलि का दिल तेजी से धड़कने लगा। उसने कहा, "हाँ, मैं तुम्हारे साथ रहना चाहती हूँ।"

उनकी बातों में एक गहरी समझ थी। लेकिन जैसे ही वे अपनी भावनाओं को साझा कर रहे थे, अचानक अंजलि के पिता का एक फोन आया। उन्हें शहर के एक बड़े अस्पताल में नौकरी का ऑफर मिला था। यह उनके लिए एक बड़ा मौका था, लेकिन अंजलि के लिए यह एक कठिन निर्णय था।

अंजलि ने आर्यन से कहा, "मुझे अपने परिवार के साथ जाना होगा। यह मेरे लिए एक नया सफर होगा।" आर्यन के चेहरे पर उदासी छा गई। उसने कहा, "तुम्हें जाना चाहिए, लेकिन क्या तुम मुझे भुला दोगी?"

अंजलि ने उसे आश्वासन दिया, "मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूँगी। तुम मेरे दिल में हो।"

अंजलि ने शहर की ओर रुख किया। समय बीतता गया, लेकिन आर्यन और अंजलि की यादें दोनों के दिलों में जीवित रहीं। अंजलि ने अपनी नई जिंदगी में आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन आर्यन की यादें उसे हर पल सताती थीं।

एक दिन, अंजलि ने फैसला किया कि वह आर्यन से मिलने वापस जाएगी। उसने अपने दिल की बात उसे बताने का मन बनाया। वह शांतिपुर पहुँची, लेकिन वहाँ आर्यन नहीं मिला। उसने गाँव के लोगों से पूछा, तो पता चला कि आर्यन अपने सपनों की तलाश में शहर चला गया था।

अंजलि का दिल टूट गया। उसने आर्यन को खोजने का निश्चय किया। उसने शहर की गलियों में उसे खोजा, लेकिन आर्यन कहीं नहीं मिला। कई महीने बीत गए। एक दिन, उसने सोचा कि वह अपने सपने को पूरा करने के लिए खुद को ढूंढेगी।

वह अपने करियर में सफल हो गई, लेकिन आर्यन की यादें हमेशा उसके साथ रहीं। एक साल बाद, एक कला प्रदर्शनी में उसे आर्यन का नाम सुनाई दिया। वह खुशी से झूम उठी और वहाँ पहुँची।

जैसे ही उसने आर्यन को देखा, उसकी आँखों में आंसू आ गए। आर्यन ने भी उसे पहचान लिया। वह दौड़कर उसके पास आया और कहा, "मैं तुम्हें खोज रहा था!"

उनकी आँखों में अनकही बातें थीं। अंजलि ने कहा, "मैंने तुम्हें बहुत याद किया।" आर्यन ने कहा, "मैंने भी। लेकिन अब हम एक साथ हैं।"

उस दिन, उन्होंने अपने सपनों की बातें साझा की और एक-दूसरे के साथ आगे बढ़ने का निश्चय किया। प्रेम की इस अनकही दास्तान ने उन्हें फिर से जोड़ दिया। अंजलि और आर्यन ने समझा कि असली प्यार समय और दूरी को पार कर सकता है।

अब, दोनों ने मिलकर अपनी कला और जीवन को एक नया रंग देने का संकल्प लिया। और इस तरह, शांतिपुर के इस प्यार की कहानी एक नई शुरुआत के साथ आगे बढ़ी।

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