प्रमोशन का खेल... या कुछ और? 💼💋

रिया नई-नई ऑफिस में जॉइन हुई थी। टैलेंटेड थी, मेहनती भी, लेकिन कुछ ही महीनों में उसने नोटिस किया कि कुछ लोग बिना खास मेहनत के तेजी से प्रमोट हो रहे थे।

एक दिन, उसकी कलीग नेहा कॉफी ब्रेक के दौरान मुस्कुराते हुए बोली,
"रिया, तुम बॉस के सामने सही से बैठना सीख लो, प्रमोशन जल्दी मिलेगा!"

रिया हंस पड़ी, "मतलब?"

नेहा ने एक नज़र इधर-उधर डाली और फुसफुसाई,
"अगर बॉस से नज़रें मिलाकर, हल्की झुकी हुई बॉडी लैंग्वेज और कुछ एक्सप्रेसिव मूवमेंट्स के साथ बैठो, तो वो तुम्हें जल्दी नोटिस करता है!"

रिया को यकीन नहीं हुआ। क्या सच में ऐसा होता है?

🔥 अगली मीटिंग में… एक टेस्ट! 💼💋

अगले दिन, रिया मीटिंग में गई। इस बार उसने खुद पर एक्सपेरिमेंट करने का सोचा।

जैसे ही वो बॉस के सामने बैठी, उसने खुद को हल्का रिलैक्स किया, आँखों में हल्की चमक, बॉस की बातों पर धीमी मुस्कान और बॉडी लैंग्वेज में हल्की सी आकर्षक झलक…

कुछ ही मिनटों में बॉस का ध्यान सिर्फ रिया पर था!

मीटिंग के बाद बॉस ने उसे अपने केबिन में बुलाया, "रिया, तुम्हारी एनर्जी कमाल की है। इस प्रोजेक्ट का लीड तुम संभालो!"

रिया अंदर से हंसी—क्या ये सच में काम कर गया?

🔥 शायद, टैलेंट के साथ "तरीका" भी मायने रखता है! 💋💼

Post a Comment

0 Comments