राहुल और प्रिया की शादी को पांच साल हो चुके थे। दोनों एक छोटे से शहर में रहते थे, जहाँ जिंदगी शांत और सुकून भरी थी। राहुल एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था, जबकि प्रिया एक मल्टीनेशनल कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर के तौर पर काम करती थी। दोनों की जिंदगी में सब कुछ सामान्य था, लेकिन कहते हैं न कि जिंदगी कभी भी अपना रंग बदल सकती है। यह कहानी उसी रंग बदलने की है।
एक दिन की बात है, राहुल ऑफिस से जल्दी घर आ गया। उस दिन उसका मूड कुछ खराब था। प्रोजेक्ट डेडलाइन के चलते उसकी नींद गायब हो चुकी थी। वह सोच रहा था कि प्रिया के साथ कुछ वक्त बिताएगा, लेकिन जब वह घर पहुंचा तो प्रिया वहां नहीं थी। उसने प्रिया को फोन किया, लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ था। राहुल को थोड़ा अजीब लगा, क्योंकि प्रिया आमतौर पर अपना फोन कभी स्विच ऑफ नहीं करती थी।
शाम को जब प्रिया घर लौटी, तो उसके चेहरे पर एक अजीब सी बेचैनी थी। राहुल ने उससे पूछा, "कहाँ थी तुम? मैंने तुम्हें फोन किया था, लेकिन तुम्हारा फोन स्विच ऑफ था।"
प्रिया ने जल्दी से जवाब दिया, "ओह, मेरा फोन डिस्चार्ज हो गया था। ऑफिस में मीटिंग चल रही थी, इसलिए जल्दी नहीं आ सकी।"
राहुल ने उसकी बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन उसके मन में एक सवाल उठ गया था। क्या प्रिया उससे कुछ छुपा रही थी?
कुछ दिनों बाद, राहुल ने प्रिया के व्यवहार में कुछ बदलाव महसूस किए। वह अक्सर ऑफिस से लेट आती थी और उसके फोन पर कॉल्स और मैसेजेस की संख्या बढ़ गई थी। एक रात, जब प्रिया सो चुकी थी, राहुल ने उसका फोन उठाया। उसने देखा कि प्रिया के फोन पर एक नंबर से लगातार कॉल्स और मैसेजेस आ रहे थे। उस नंबर का नाम 'अंकित' था।
राहुल का दिल तेजी से धड़कने लगा। उसने प्रिया के मैसेजेस पढ़े, और वहां जो उसने देखा, उससे उसकी दुनिया ही बदल गई। प्रिया और अंकित के बीच की बातचीत सिर्फ दोस्ती से कहीं आगे की थी। उनके मैसेजेस में प्यार और इश्क के शब्द थे, जो राहुल को झकझोर कर रख दिए।
अगले दिन, राहुल ने प्रिया से सीधे सवाल किया, "प्रिया, यह अंकित कौन है?"
प्रिया ने घबराते हुए जवाब दिया, "अंकित? वह मेरा कलीग है। हम एक ही टीम में काम करते हैं।"
राहुल ने गुस्से में कहा, "कलीग? तो क्या कलीग के साथ इतने प्यार भरे मैसेजेस भेजना नॉर्मल है?"
प्रिया ने अपना सिर झुका लिया। उसने कहा, "राहुल, मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूँ।"
राहुल ने उसकी ओर गंभीरता से देखा। प्रिया ने आगे कहा, "मैं और अंकित... हम एक दूसरे से प्यार करते हैं।"
यह सुनकर राहुल का दिल टूट गया। उसने कभी सोचा भी नहीं था कि प्रिया उसके साथ ऐसा कर सकती है। उसने पूछा, "तुम्हें मुझसे कोई समस्या थी? क्या मैंने तुम्हें कभी कुछ कम दिया?"
प्रिया ने आंसू भरी आँखों से जवाब दिया, "नहीं, राहुल। तुमने मुझे हर चीज दी, लेकिन... मैं खुद को समझ नहीं पा रही थी। अंकित के साथ मैंने जो महसूस किया, वह कुछ अलग था।"
राहुल ने खुद को संभालते हुए कहा, "तो अब क्या? तुम मुझे छोड़कर उसके साथ चली जाओगी?"
प्रिया ने कुछ नहीं कहा। उसकी चुप्पी ने राहुल को उसका जवाब दे दिया।
अगले कुछ दिनों में, राहुल और प्रिया के बीच का माहौल बहुत तनावपूर्ण हो गया। राहुल ने प्रिया से अलग होने का फैसला किया। उसने सोचा कि अगर प्रिया को खुशी किसी और के साथ है, तो उसे रोकना ठीक नहीं है।
शादी के पांच साल बाद, राहुल और प्रिया का तलाक हो गया। प्रिया अंकित के साथ रहने लगी, जबकि राहुल ने अपनी जिंदगी को नए सिरे से शुरू करने का फैसला किया।
कहानी का अंत यहाँ होता है, लेकिन इसके पीछे का सबक बहुत गहरा है। रिश्तों में ईमानदारी और संवाद बहुत जरूरी है। अगर प्रिया ने राहुल से अपनी भावनाओं को शुरू में ही साझा किया होता, तो शायद यह दर्दनाक अंत नहीं होता। लेकिन कभी-कभी जिंदगी हमें ऐसे मोड़ पर ले आती है, जहाँ से वापसी का रास्ता नहीं होता।
राहुल ने इस घटना से बहुत कुछ सीखा। उसने अपने आप को समय दिया और धीरे-धीरे अपनी जिंदगी को संभाला। वह जानता था कि जिंदगी में कुछ चीजें हमारे नियंत्रण से बाहर होती हैं, लेकिन उनसे सीखकर आगे बढ़ना ही सही रास्ता है।
और प्रिया? वह अंकित के साथ खुश थी, लेकिन कभी-कभी उसे राहुल की याद आती थी। उसे एहसास होता था कि शायद उसने जल्दबाजी में एक गलत फैसला किया था। लेकिन अब वक्त बीत चुका था, और वापसी का कोई रास्ता नहीं था।
यह कहानी आगे भी जारी रहेगी मेरी पत्नी का ऑफिस में अफेयर भाग 2
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