शुरू में उसने इसे नजरअंदाज किया, लेकिन धीरे-धीरे यह बात उसके दिमाग में घर करने लगी। 'क्या यह नॉर्मल है? क्या इसका मतलब कुछ और है?' उसके मन में सवाल उठने लगे।
एक दिन, उसने अपने दोस्त अमित से इस बारे में बात की। अमित ने कहा, "भाई, हर चीज को शक की नजर से मत देख। हो सकता है वो अपनी कम्फर्ट के लिए ऐसा करती हो। अगर तुझे यह बात इतनी परेशान कर रही है, तो प्यार से उससे बात कर।"
लेकिन राहुल के मन में शक इतना बढ़ गया कि उसने प्रिया का फोन चेक करने की सोची। लेकिन फोन छूने से पहले ही उसे याद आया कि प्रिया पर भरोसा करना उसकी जिम्मेदारी है। उसने खुद से कहा, 'मैं क्यों ऐसा कर रहा हूँ? प्रिया ने कभी मुझसे कुछ छिपाया नहीं, तो अब क्यों शक कर रहा हूँ?'
राहुल ने फैसला किया कि वह प्रिया से सीधे बात करेगा। रात को जब दोनों डिनर कर रहे थे, तो राहुल ने धीरे से कहा, "प्रिया, एक बात पूछनी है। उम्मीद है कि तुम बुरा नहीं मानोगी।"
प्रिया ने मुस्कुराते हुए कहा, "पूछो ना, ऐसा क्या है?"
राहुल थोड़ा झिझकते हुए बोला, "मैंने नोटिस किया है कि तुम ऑफिस जाते वक्त कभी-कभी पैंटी नहीं पहनती। मैं ये समझने की कोशिश कर रहा हूँ कि ऐसा क्यों?"
प्रिया ने हंसते हुए कहा, "ओह राहुल, मैं जानती थी कि तुम ये पूछोगे। दरअसल, जब मैं पैंटी पहनती हूँ तो मुझे पूरे दिन बैठने में परेशानी होती है। कपड़ों के टाइट फिट की वजह से कभी-कभी रैशेज हो जाते हैं। इसलिए मैंने सोचा कि जब जरूरी न हो, तो न पहनूं। इससे मैं ज्यादा कम्फर्टेबल रहती हूँ। क्या तुमने इसे लेकर कुछ और सोचा?"
राहुल ने अपनी गलती महसूस की। उसने प्रिया से कहा, "सॉरी यार, मुझे लगा कि शायद कुछ और वजह हो सकती है। अब समझ आया कि ये तुम्हारी खुद की सहूलियत के लिए है। मैं बेवजह परेशान हो रहा था।"
प्रिया मुस्कुराई और राहुल का हाथ पकड़कर बोली, "रिश्ते में जो भी बात हो, उसे शक बनाने से अच्छा है कि सीधे पूछ लो।"
उस दिन राहुल ने सीखा कि शक करना रिश्ते को खराब कर सकता है। लेकिन अगर प्यार और ईमानदारी से बात की जाए, तो हर समस्या का हल मिल सकता है।
रिश्ता प्यार और विश्वास पर चलता है। अगर कोई सवाल मन में आए, तो उसे अपने साथी से शेयर करो। रिश्ते में शक की जगह ईमानदारी और समझदारी होनी चाहिए।
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