शादी के पहली रात जो भी मेरे साथ हुआ

संभोग सुख की प्राप्ति हर लड़की का सपना होता है ये सपना यौवन से उठता है और विवाह के बाद खत्म हो जाता है 


जैसे बोला जाता है पुरुष के लिए लिए प्रेम का रास्ता पेट से होकर गुजरता है वैसे ही एक लड़की के लिए प्रेम का रास्ता उसके मन से होकर गुजरता है 

मेरा नाम अवंतिका है, हर नौजवान लड़की की तरह भी मेरे अरमान थे की मेरी शादी अच्छे से हो एक अच्छा जीवन साथी मिले, जो मुझे शारीरिक सुख दे साथ मेरी कदर करे सम्मान करे 

और 26 साल की उम्र में जब मेरी शादी फिक्स हो रही थी तो पापा और भैया लड़का देखने गए, जब घर आए तो उनके चेहरे हंसी से खिल रहे थे, भैया भाभी से बात करते हैं 

भाभीं दौड़े दौड़े आती हैं और मुझे बताती हैं की सबको लड़का पसंद आया है 

और जल्दी ही वो लोग मुझे देखने आने वाले हैं 

भैया और पापा को बात करते सुना परिवार बहुत रसूख वाला है घर में 2 गाडियां गाय भैंस हैं 

कई एकड़ खेत है लकड़ा बैंगलोर में कमाता है 2 लाख महीने की तनख्वाह है 

मुझे थोड़ा अजीब लगा, क्या ये सब देख के मेरी शादी हो रही है 

अगर आप लड़की हैं तो आपने भी ये बात महसूस की होगी की सामने वाले का इंटेंशन क्या है आप इस बात को जल्दी से भांप लेंगी भगवान ने ये शक्ति हर लड़की को दी हुई है 

खैर समय बीतता है और लड़के वाले मुझे देखने आते हैं 

मेरे घर पर उनकी खूब खरीदारी होती है, 

भाभी के विशेष आग्रह पर लोग बोला जाता है की इन दोनो को अलग बैठा दिया जाए थोड़ा आपस में बात कर लें 

तभी मुकुल बोलते हैं अरे कोई ऐसी बात नहीं है मुकुल वही लड़का है जिससे मेरी शादी होनी है 

मुझे अजीब लगा की ये क्या बात हुई आप का मन नहीं बात करने का हो सकता है मेरा मन हो 

भाभी के जोर देने पर मुकुल कमरे में आते हैं 

और 2 मिनट शांत बैठे रहते हैं मैने पहल कर के पूछा आप को खाने में क्या पसंद है 

उन्होंने तुरंत बोला जो मिल जाए फिर हम दोनो शांत थे 

मुकुल ने बोला तुम्हारा फिगर काफी अच्छा है लगता है कसरत करती हो 

उनका इस तरह से बोलना मुझे पसंद नही आया, और तुरंत मैने भाप लिया की ये कैसे लड़के हैं 

जब सब जाते हैं तो मैने ये बात भाभी के सामने रखी की मुकुल ने इस तरह का सवाल किया मेरी भाभी ने सलाह दिया की मुझे मां से ये बात करनी चाहिए 

मैने मां से बोला की मां मुझे कुछ सही नही लग रहा मुकुल ने इस तरह से बात की, मां हंसती है और बोलती हैं मजाक कर रहा होगा, मैने तुरंत बोला मां ये हसने की बात नही है पापा से बोलो शादी के लिए मना करें नही तो  मैं सब बता दूंगी 

मां ने मेरा हाथ पकड़ा और बोला शर्म घोल के पी गई हो बाप भाई के सामने ऐसे बात करोगी 

मैं वहां से वापस आगयी, 4 5 दिन बाद मैने अपने पापा से बोला की मुकुल मुझे पसंद नही है पापा पूछते हैं क्यों 

तो मैंने मर्यादा में रहते हुआ बोला की बस पापा हमे अच्छे नही लगे 

पापा कुछ बोले नहीं और वहां से उठ के चले गए 

4 5 दिन बाद भाभी मुझे बताती हैं की मेरी इंगेजमेंट की डेट फिक्स कर दी गई है 

मेरी स्थिति ऐसी थी जैसे मानो किसी ने जहर दे दिया हो 

मैं घबरा रही थी, मौका देख के मैने भईया को बोला की मैने पापा से बोला था मुझे मुकुल नही पसंद हैं 

तो भईया बोलते हैं क्या मेरी शादी मुझसे पूछ के की गई थी, जहां रिश्ता जोड़ा जा रहा है चुप चाप शादी करो 

एंजिमेंट के बाद शादी होती है और एंजिनेंट और शादी में महज 7 दिन का गैप था 

शादी के बाद जब मैं मुकुल के घर जाति हूं तो भी मुझे अंदर डर लगता है, 

हमारी सुहागरात का दिन आता है, मैं चाहती थी की सब कुछ इतना जल्दी हुआ है थोड़ा टाइम हमे एक दूसरे को समझने के लिए देना चाहिए मुकुल आएंगे तो इस बारे में बात करूंगी 

मुकुल कमरे में आते हैं और आते ही मेरे कपड़े उतारने लगते हैं मैं बोलना तो चाहती थी लेकिन वो सुनना नही चाहते थे 

इस तरह मेरी ही सुहागरात वाले दिन मेरा रेप हुआ, 

मुझे खुद से घिन आने लगी 

मैं चाहती थी की मैं घर से भाग जाऊं लेकिन समाज की दहलीज लांघने की हिम्मत नही जुटा पा रही थी 

मैने अपनी मां को बताया बिना किसी उम्मीद के 

तो उन्होंने मुझे बोला शादी के बाद सभी लोगो के बीच ये होता है तुम कोई नई लड़की नही हो 

शादी हो गई है और अब अपनी जिम्मेदारी समझो 

मां के इस नीरस प्रतिक्रिया ने मुझे अंदर तक हिला के रख दिया 

प्रतिदिन मेरा रेप मेरे ही पति के द्वारा होता रहा और मैं मूक बनकर इसे होता देखती रही 

मेरी स्थिति इतनी खराब हो गई की में आत्महत्या करने जा रही थी, तभी मेरी कॉलेज की दोस्त ने मुझे बुलाया 

और dr को दिखाया जिसमे ये पता चला की शारीरिक शोषण होने से मेरे अंदर की आत्मा मर गई है 

एक लड़की के लिए ये बहुत ज़रूरी होता है की वो अपने पार्टनर को पहले समझे इसी लिए मैने बोला स्त्री के लिए प्रेम पहले उसके मन से शुरू होता है प्रेम में पड़ी स्त्री आप को अपना सबकुछ सौंप देगी 

मैने पहले ही दिन मुकुल की स्थिति जान ली थी लेकिन किसी ने मेरी नही सुनी 

हम परंपरा के नाम पर ऐसे बेदी में बंधे हैं जहां पर हमारे ही बाप भाई मां हमे किसी अंजान लड़के के आगे सौंप देते हैं जो रोज  शोषण करता है, बस लड़के की संपत्ति अच्छी होनी चहाइये परिवार रसूख वाला होना चाहिए 

हम क्या पढ़ाई करेंगे क्या खाएंगे क्या ओहनेगे इसे चुनने के आजादी हमे हैं लेकिन हमारी जिंदगी जिसके साथ बितिनी है हमे इसकी इजाजद नही है 

आज भारत में हर चौथी लड़की शादी में रेप का शिकार होती है लेकिन हमारा ये धर्म है हमारे साथ गलत होता रहे इसपे बात करने वाला कोई नहीं है 

अगर हम खुल कर इस बारे में बात करते हैं तो ये नारी मर्यादा के खिलाफ माना जाता है 

और विडबामना ये है की एक औरत भी इस चीज को बखूबी सपोर्ट करती है 

आज मैं इस घर से बाहर हूं लेकिन शादी के पहली रात जो भी मेरे साथ हुआ उसे आज भी याद करती हूं तो मेरी रूह कांप जाती है

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