फिल्म इंडस्ट्री में मॉडलिंग और एक्टिंग

आप में से बहुत से लोगो ने मुझे अश्लील फिल्मों में देखा होगा, फिल्मे भी ऐसी जिसमे अंजान अनजान मर्दों के साथ शारीरिक संबंध बनाने पड़ते हैं जिन्हे आप कभी नहीं जानते जिनका नाम तक नहीं पता होता,
मैं असम के एक छोटे से शहर से हूं, जहां मूलभूत सुविधाओं की भी कमी होती है। मैंने अपनी जिंदगी की शुरुआत एक केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक के तौर पर की थी। लेकिन पिता की अचानक मृत्यु हो जाने के बाद मुझे अपने होमटाउन लौटना पड़ा। 



वहां मैंने सरकारी नौकरी के लिए प्रयास किया और परीक्षा दी। किस्मत से, मुझे सरकारी नौकरी मिल गई और पांच साल तक मैंने इसे निभाया। हालांकि, मेरे अंदर हमेशा से मॉडलिंग और एक्टिंग के क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा थी। मैंने इसके लिए लगातार प्रयास किए, लेकिन इस इंडस्ट्री में नए लोगों को आसानी से मौका नहीं मिलता। 

यदि आप किसी से काम मांगते हैं, तो या तो आपको समझौता करने को कहा जाता है, या फिर आपके पास एक मजबूत सोर्स होना चाहिए। लेकिन, यह भी सच है कि अक्सर सोर्स लगाने वाला व्यक्ति भी आपसे निजी लाभ की अपेक्षा करता है। 

एक छोटे शहर से होने के नाते, मुझे लगा कि अगर मैं अपना फोटोशूट करवा लूं, तो मुझे काम मिल सकता है। मैंने एक बोल्ड फोटोशूट कराया और उसे अलग-अलग लोगों तक पहुंचाया। लेकिन हर जगह से सिर्फ रिजेक्शन ही मिला। 

काफी समय बाद, मुझे एक फिल्म का ऑफर मिला। यह फिल्म बेहद बोल्ड थी, जिसमें कई हॉट सीन थे। पहले तो मैंने मना कर दिया, लेकिन डायरेक्टर और प्रोड्यूसर ने यह समझाया कि यह फिल्म केवल एक खास ऐप पर रिलीज होगी, जहां गिनती के सब्सक्राइबर इसे देख पाएंगे। 

मैं इस इंडस्ट्री और उसकी कार्यशैली से अनजान थी। सोच-विचार के बाद मैंने प्रोजेक्ट के लिए हामी भर दी। मुझे फ्लाइट टिकट कराकर मुंबई बुलाया गया और एक शानदार होटल में ठहराया गया। यह मेरे लिए बिल्कुल नया अनुभव था—पहली बार हवाई यात्रा और फाइव स्टार होटल में रुकना। ऐसा लगा जैसे मैं किसी सपने में हूं। 

लेकिन शूटिंग के दौरान, बोल्ड और न्यूड सीन करना मेरे लिए बेहद कठिन था। इतने लोगों के सामने यह सब करना एक चुनौती थी, लेकिन मैंने खुद को समझाया कि यह मेरा एक मौका है। 

शूटिंग के एक साल बाद फिल्म ऐप पर रिलीज हुई, लेकिन मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि पायरेसी भी एक बड़ी समस्या है। फिल्म वायरल हो गई और अलग-अलग वेबसाइट्स पर पहुंच गई। यह टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर भी शेयर होने लगी। मेरे जानने वालों तक यह बात पहुंच गई। 

मेरे लिए यह स्थिति असहनीय हो गई। कार्यस्थल पर लोग मुझे घूरते, ताने मारते, और ऑफर देते। मजबूर होकर मुझे नौकरी छोड़नी पड़ी। 

इसके बाद मुझे एक और फिल्म का ऑफर मिला, जिसे मैंने बिना डॉक्यूमेंट पढ़े स्वीकार कर लिया। वहां मुझे पता चला कि फिल्म में आपत्तिजनक सीन हैं। मैंने मना किया, लेकिन साइन किए गए डॉक्यूमेंट्स और प्रोड्यूसर के दबाव के कारण मुझे यह करना पड़ा। 

यह इंडस्ट्री एक ऐसा दलदल है, जहां एक बार कदम रखने के बाद बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। शुरुआत में मैंने दो फिल्में कीं, लेकिन धीरे-धीरे यह संख्या बढ़कर बारह हो गई। यह मेरी आय का मुख्य जरिया बन गया। मुझे हर फिल्म के लिए 1 से 1.5 लाख रुपये मिलने लगे। 

यह सच है कि फिल्म इंडस्ट्री में मॉडलिंग और एक्टिंग से जितना नहीं कमाया जा सकता, उससे कहीं ज्यादा लोग निजी लाभ के जरिए कमाते हैं। बड़े राजनेता, व्यापारी, और फिल्म निर्माता इस इंडस्ट्री में सबसे बड़े ग्राहक होते हैं। 

छोटे शहर से आने वाली लड़कियों और लड़कों के लिए मेरी यही सलाह है कि यदि वे इस करियर में आना चाहते हैं, तो इसकी सच्चाई से अवगत रहें। यहां की चकाचौंध बाहर से जितनी खूबसूरत लगती है, अंदर से उतनी ही खोखली है। 

यह इंडस्ट्री बड़ी चालाकी से छोटे शहर के युवाओं को अपने जाल में फंसाती है। यह एक ऐसा रास्ता है, जिसमें एक बार कदम रखने के बाद लौटना बेहद कठिन हो जाता है। इसलिए, इस राह को चुनने से पहले इसकी सच्चाई और परिणामों को जरूर समझें।

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